top of page

वृष लग्न का फल

वृष राशि का अर्थ है बैल या सांड। इस राशि के तारो को मिलाकर यदि काल्पनिक रेखाएं खींची जाएं तो बैल की आकृति का निर्माण होता है।अतः इसका नाम वृष रखा गया है।इस राशि का विस्तार 30°से90°तक होता है।यह कृतिका के 3 चरण,रोहिणी के 4चरण,मृगशिरा के 2 चरण से मिलकर बनती है।

कृतिका का दशा स्वामी सूर्य,रोहिणी का दशा स्वामी चंद्र,मृगशिरा का दशा स्वामी मंगल होता है।

इस राशि में सूर्य लगभग 14 मई से 15 जून तक रहता है।

इस राशि का स्वामी शुक्र है।यह कालपुरुष का मुख है।

स्वभाव

ऐसे जातक तीव्र इच्छा शक्ति वाले ,स्त्रियों को आकर्षित करने वाले ,प्रकृति प्रेमी,प्यार में विश्वास रखने वाले, संगीत साहित्य में रुचि लेने वाले, विश्वसनीय, दयालु, सद्गुण ग्राही, धर्मानुरागी, कभी कभी शीलरहित तथा कुसंगतियुक्त भी पाए जाते हैं।इन्हें एक ही स्थान पर बैठे रहना प्रिय लगता है। ये कलात्मक दृष्टि वाले,कलात्मक वस्तुओं के संग्रही,भौतिक सुखों के इच्छुक,और स्वादिष्ट भोजन के शौकीन होते हैं। जब ये खाली बैठे हैं तो बैठे रहते हैं लेकिन जब काम में जुट हैं तो उसे पूरा किये बिना भी नही छोड़ते। ये किसी को कुछ नही कहते लेकिन किसी के अत्यधिक परेशान करने पर ये यदि अपनी पर आ जाते हैं तो इनका सामना करने का सामर्थ्य किसी में नही रहता। मुस्कुराहट इनका विशेष गुण है,मौज मस्ती खिलखिलाकर हँसना इनकी आदत होती है।प्रायःइनके जीवन का पूर्वार्ध कष्टपूर्ण किन्तु उत्तरार्ध उन्नति व सुख सफलता देने वाला होता है।

इनका विशेष गुण

चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट इनका विशेष गुण है ।

वृष लग्न की स्त्रियां अच्छी पत्नी साबित होती हैं,घर को सुचारू रूप से रखती हैं।अनुशासित होती है।


वृष राशि का आकार बैल है। बैल की ही भांति ये धीर, गंभीर,सहिष्णु,दुख में भी धैर्य रखने वाले,परिश्रमी,होते हैं।ये मान के बहुत गहरे होते हैं।अपने कष्टो को छिपाने में निपुण एवं ग्रहस्थी का खर्च चलाने के लिए कोल्हू के बैल की भांति दिन रात काम में जुटे रहने वाले होते हैं।

रोग

कंठ संबंधी रोगों की संभावना होती है।उत्तेजक पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। नियमित व्यायाम व सादा भोजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

मारक ग्रह

सप्तमेश ओर द्वादशेश -मंगल

तृतीयेश-चंद्र

अष्टमेश और एकादशेश-गुरु

वृष लग्न के लिए शुभ - अशुभ ग्रह

शुभ ग्रह-शुक्र बुध शनि

अशुभ ग्रह-मंगल चंद्र गुरु

वृष राशि के लिए मित्र राशि

मैत्री व सांझेदारी

कन्या व मकर राशि के लोग इनके अच्छे मित्र होते है

उदाहरण:-

पुरुष

जन्म दिनांक:-15 दिसंबर 1986

जन्म समय:-4.00शाम

जन्म स्थान:-दिल्ली।

स्वभाव :-

यह जातक प्रकृति प्रेमी है,स्त्रियों को अपनी और आकर्षित करने वाला है।प्यार में विश्वाश रखने वाला ,संगीत साहित्य में रुचि रखने वाला है।विश्वसनीय,दयालु,सद्गुणग्राही धर्मानुरागी भी है।कलात्मक वस्तुओं का बहुत शौकीन है।सजाना संवारना हर चीज़ अच्छी तरह सही स्थान पर रखना इन्हें बहुत पसंद है।ये भोजन भी शाही रूप से खाना पसन्द करता है।

कार्य करने में आलसी लेकिन जिस काम को करने में जुट जाता है तो उसे पूरा किये बिना नही छोड़ता। ये वैसे किसी को कुछ को कुछ नही कहते लेकिन कोई अत्यधिक परेशानी करें तो ये ऐसा सबक सिखाते हैं कि दुबारा वो इन पर वार करने का प्रयास नही करता । हर परिस्थिति में इसके चेहरे पर मुस्कान बनी रहती है।हँसना मौज मस्ती करना इन्हें बहुत अच्छा लगता है। इनके जीवन का पूर्वार्ध कष्टपूर्ण था परंतु अब इसकी उन्नति प्रारम्भ हो गयी है।

यह बहुत ही धैर्यवान है जल्दी से अपने दुखों से नही घबराता है। गंभीर प्रकृति का एवं परिश्रमी है।मन की बातें जल्दी से किसी से कहते नही है तथा परिवार के लिए कुछ भी करना पड़े करने को तैयार रहते हैं।

लेखिका

जैन साध्वी उग्रतपस्विनी संकट मोचीनी श्री चंदना(बिल्लो)जी महाराज की सुशिष्या प्रवचन प्रभाविका मधुर व्याख्यानि श्री भावना जी महाराज (डबल एम.ए.)

इस लेख से सम्बंधित जो भी प्रश्न आपके मन में हो कृपया comment section में लिखें | हमारे Youtube चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें |

वृषभ लग्न के बच्चो का पालन कैसे करते है ? (5 मिनिट विडियो)

Σχόλια


Featured Posts
Recent Posts
Archive
Search By Tags
Follow Us
  • Facebook Basic Square
  • Twitter Basic Square
  • Google+ Basic Square
bottom of page