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‘जोडियाँ स्वर्ग में बनती है|’ सच या झूठ

विवाह और ज्योतिष

यह वाक्य हम बचपन से सुनते आ रहे है| पिछली कक्षा में एक विद्यार्थी ने कुछ प्रश्न किये

  • यदि जोडियाँ स्वर्ग में बनती है तो पृथ्वी पर इतने तलाक क्यों होते है?

  • अच्छे गुण मिलने के बाद भी तलाक और परेशानी क्यों आती है?

  • अब तलाक की संख्या बढती क्यों जा रही है?

  • जिन जोड़ियों में तालमेल की कमी हो तो क्या आप तलाक की सलाह देते हैं?

प्रश्न बहुत रुचिकर थे, तो सोचा उस विद्यार्थी के साथ साथ बाकी लोगो से भी विचार साझा किया जाए|

पहला प्रश्न

यदि जोडियाँ स्वर्ग में बनती है तो पृथ्वी पर इतने तलाक क्यों होते है?

जोड़ियाँ स्वर्ग में बनती है इस बात का मैं पूर्ण रूप से समर्थन करता हूँ| कई बार देखने में आता है की लड़का लड़की अकस्मात कहीं मिले थोड़ी बहुत बात हुई और विवाह हो गया| पिछले सप्ताह में एक सज्जन से मिला उन्होंने अपना किस्सा बताया| वह मोबाइल कंपनी के एक ऑफिस में मेनेजर पोस्ट पर कार्यरत थे| एक दिन एक उपभोक्ता अपना फ़ोन लेकर आई और पूरे ऑफिस को सर पर उठा लिया| वह कहने लगी की मेरा फ़ोन बार बार खराब हो जाता है, आप में से कोई मेरी सहायता नहीं कर रहा हैं| मेनेजर सामान्यतः आम उपभोक्ताओं से बात नहीं करता था परन्तु क्योंकि ये महिला काफी शोर कर रही थी और गुस्से में थी | मेनेजर ने इस महिला से 30 मिनट बात की और अपना नंबर दिया की यदि कोई परेशानी आये तो मुझे कॉल कर लीजियेगा| २ महीने बाद उस मेनेजर का इसी महिला से विवाह हो गया| घटनाएं हमें सोचने पर बाध्य कर देती हैं की जोड़ियाँ पहले से ही निर्धारित होती है|


ज्योतिष और तलाक के योग



अब रही बात तलाक की, तो किसने कहा की जोड़ी यदि भगवान् बनायेंगे तो उनका तलाक नहीं होगा या परेशानी नहीं आएगी| भगवतगीता के अनुसार सभी व्यक्ति अपने कर्मो के कारण अच्छा या बुरा समय देखते है| ईश्वर आपको आपके जीवन में ऐसे ही लोगो से मिलवाता हैं जो आपको आपके कर्म अनुसार फल दे सकें| यदि पूर्व जन्म में आपने अपने जीवन साथी के साथ दुर्व्यवहार किया था तो इस जन्म में ऐसा ही व्यक्ति मिलेगा जो आपको इस जीवन में परेशान कर आपके कर्मो का फल काट सकें| उसी प्रकार यदि पूर्व जन्म में आपने अपने जीवन साथी को मान सम्मान दिया हो तो इस जीवन में उसका अच्छा फल आपको प्राप्त होगा|


अब प्रश्न उठता है यह की हमें कैसे पता चलेगा की पूर्व जन्म में हमने क्या किया ? इसी यक्ष प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम हैं, ज्योतिष शास्त्र | जन्म कुंडली, पिछले जन्म में किये गए कर्मो का ब्योरा ही देती है| यदि ग्रह सम्मानित अवस्था में विराजमान हैं तो यह बताता है की पिछले जन्म में आपने अच्छे कर्म किये थे| ज्योतिष में एक किताब हैं कर्म विपाक संहिता | यह किताब आपकी कुंडली के ग्रह अनुसार बताती है की पिछले जन्म में आप क्या थे और कैसे कर्म किये थे |


अगले अंक में ज्योतिष के उन योगो का उल्लेख करेंगे जो यह बतायेगे की पिछले जन्म में क्या किया जिसके कारण इस जन्म में वैवाहिक जीवन में असंतोष रहता है |

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