इस कुंडली में बुध और शनि के दृष्टि सम्बन्ध को कैसे देखे?
वृषभ राशि में बुध - दूसरे और पंचम भाव का स्वामी हे. प्रथम भाव में सूर्य के नक्षत्र में हे.
शनि नवम और दशम भाव का स्वामी हे और वक्री होकर सप्तम अपने ही नक्षत्र में वक्री हे.
नवमांश कुंडली में भी दृष्टि सम्बन्ध हे
क्या इसे - पंचम और नवम का संभव समजे? या मारक भाव का कर्म भाव का सम्भन्ध देखे?
बुध इस कुंडली में आय का, वाणी का, पढाई का (5th हाउस), संतान का - कारक हे. शनि की दृष्टि को देरी या परेशानी दे शक्ति हे या. नवम भाव के स्वामी होने की वजह से लाभ देगी ?