नितिन सर GOCHAR SECRET मैं आपने 5नियम बताये थे जिसमे से लग्नेश जिस राशि जिस अंश पर हो उससे त्रिकोण मैं भावेश आये अथवा भावेश जिस राशि जिस अंश पर स्थित हो उससे त्रिकोण मैं लग्नेश आये तो उस भाव के कार्यो की सिद्धि होती है और एक नियम यह भी कहता है की किसी भी भावेश जिस राशि जिस अंश पर स्थित हो उससे त्रिकोण मैं गुरु गोचरवश आये तो उस भाव की कार्य सिद्धि होती है
पर अष्टकवर्ग टेबल को देखे पर मालूम होता है की मंगल गुरु को अपने जन्म कालीन स्थानसे 1-2-4-7-8-10-11 स्थान पर होना पसंद करता है और मंगल गुरु को अंक दे देता है इसमें 5-९ स्थान नहीं आया है इसी प्रकार गुरु मंगल को अपने जन्मकालीन स्थान से 6-10-11-12 स्थान पर होना पसंद करता है और गुरु मंगल को अंक दे देता है यहाँ भी 5-9नहीं आया मंगल और गुरु एक दूसरे 5-9 होने पर अंक नहीं दे रहे है और षडाष्टक और द्विद्वादश होने पर भी अंक दे रहे है जब गुरु मंगल लग्नेश और भावेश हो तो इनके गोचर और कार्य सिद्धि को कैसे समझे