प्रणाम नितिन जी। जब दो ग्रहों के मध्य राशि परिवर्तन होता है तो वो कैसा फल देते हैं? क्या उनके भावेश होने के जो फल होने चाहिये उनमें कुछ अंतर आ जाता है? क्या वो दोनों एक दूसरे का फल देने लगते हैं अथवा वो दोनों अपने भाव मे स्थित होने का फल देने लगते हैं? कृपया मार्गदर्शन कीजिये।
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धन्यवाद, दूसरे शब्दों यह ऐसी स्थिति बनी जिसमें एक भाव से दूसरे भाव को बल मिलता है क्योंकि ये दोनों एक दूसरे के लिए पूरक हो जाते हैं।
जय श्री राम 🙏🙏, जब राशि परिवर्तन होता तो वह दोनो गृह इस तरह जुड़ जाते है की अगर आप एक भाव मे वृद्धि लायेंगे तो दूसरे भाव मे भी अपने आप वृद्धि होगी, जैसे अगर दश्मेश् और लाभेश का परिवर्तन हो तो आप जितना नाम कमाएंगे उतना ही आपको धन लाभ होगा, और आप जितना ज्यादा धन लाभ कमाएंगे आपको उतना ही नाम मिलेगा। या फिर अगर षष्ठेश् और नवमेश् का परिवर्तन हो तो आप जितना संघर्ष करेंगे , और जितनी परेशानीयों का सामना करेंगे उतना ही आपके भाग्य और धार्मिकता में वृद्धि होगी।